जीवन परिचय
तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागर जी
जीवन परिचय
• आचार्य श्री का जन्म माघशुक्ला सप्तमी ,विक्रम सम्वत् 1995 को प्रातः काल की पावन बेला में हुआ था। आपके पिता का नाम प्यारेलाल जी एवं माता का नाम जयमाला देवी था।बचपन में आपने ओम प्रकाश नाम पाया था।बी.ए.पर्यन्त लौकिक अध्ययन करके आपने भरी जवानी में वैराग्य पथ को अपनाया।
• आप गुरु चरणों में पधारे ।श्रावण शुक्ल अष्टमी वि.सं.2018 को आप क्षुल्लक बने,आपका नाम नेमीसागर रखा गया।अनन्तान्त तीर्थंकरो का निर्वाण स्थल ,शाश्वत तीर्थ स्थल श्री सम्मेदशिखर में कार्तिक शुक्ल 12 वि.सं.2019 को आपने परम पूज्य निमित्त ज्ञान शिरोमणि आचार्य 108 श्री विमल सागर जी महाराज के कर कमलों में निग्रन्थ दीक्षा ग्रहण करी।
• गुरु के आदेश से आप प.पू. आचार्य श्री महावीर कीर्ति जी महाराज के चरणो में अध्ययनार्थ पहुचें।अपने दादा गुरु के चरणों में आपने अपनी साधना का विकास किया।
• दादा गुरु ने समाधि से पूर्व अपना आचार्य पद आपको सौंप दिया । आपने 1972 से लगातार 26 वर्षों तक
गुरु प्रदत्त कर्त्तव्य का पालन किया । अन्त में आपकी समाधि सन् . . . में हुई थी । स्थान . . . ।
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